सऊदी अरब के जेद्दाह में 2 दिन चले IPL के मेगा ऑक्शन में 10 फ्रेंचाइजी ने 639.15 करोड़ खर्च किए। ऑक्शन में 182 खिलाड़ी बिके, इसमें 62 विदेशी खिलाड़ी हैं। ऋषभ पंत इतिहास के सबसे मंहगे खिलाड़ी बने, उन्हें लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) ने 27 करोड़ रुपए में खरीदा। जब खिलाड़ियों की नीलामी होती है, तो उनकी नीलामी राशि में से टीडीएस के रूप में कटौती की जाती है। यहां हम बता रहे हैं कि IPL में जिन खिलाड़ियों की नीलामी हुई है, उन्हें ऑक्शन मनी के मुकाबले कितना पैसा मिलेगा। सरकार के खजाने में कुल कितना पैसा जाएगा? भारतीय खिलाड़ियों पर 10% TDS, विदेशियों पर 20% भारत सरकार भारतीय खिलाड़ियों की सैलरी पर 10% टैक्स लगाती है। यह टैक्स आईपीएल फ्रेंचाइजी खिलाड़ी को पेमेंट करने से पहले टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) के रूप में काटती है। वहीं विदेशी खिलाड़ियों की सैलरी पर 20% टैक्स काटा जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी भारतीय खिलाड़ी की सैलरी 10 करोड़ रुपए है, तो फ्रैंचाइज़ी खिलाड़ी को पेमेंट करने से पहले टैक्स के रूप में 1 करोड़ रुपए काट लेगी। वहीं अगर विदेशी खिलाड़ी की सैलरी 10 करोड़ रुपए है, तो फ्रैंचाइजी 2 करोड़ रुपए टैक्स काट लेती है। काटे गए टीडीएस को खिलाड़ियों की ओर से भारत सरकार के पास जमा किया जाता है। भारतीय खिलोड़ियों को IPL से मिले पैसे उनकी टोटल इनकम में जुड़ जाते हैं भारतीय खिलाड़ियों को आईपीएल टीम से जो पैसे मिलते हैं वो आयकर अधिनियम, 1961 के तहत टैक्सेबल है। इस राशि को अन्य स्रोतों से आय माना जाता है। ये आय उनकी टोटल इनकम में जुड़ जाती है और इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है। वहीं कटा हुआ TDS एडजस्ट हो जाता है। विदेशी खिलोड़ियों को IPL में मिले पैसों पर टैक्स के अलग है नियम एक वित्तीय वर्ष में 182 दिनों से अधिक समय तक भारत में मौजूद रहने वाले विदेशी खिलाड़ी इंडियन इनकम टैक्स लॉ के तहत आते हैं। ऐसे मामलों में, आईपीएल टीमों से मिले पैसे उनकी आय उनकी कुल आय में जोड़ दी जाती है और टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है। विदेशी खिलाड़ी जो एक वित्तीय वर्ष में 182 दिनों से अधिक समय तक भारत में मौजूद नहीं रहते हैं, उनकी पूरी आय पर भारतीय आयकर कानूनों के अनुसार टैक्स नहीं लगाया जाता है। ये क्रिकेटर केवल आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194ई के तहत टीडीएस के अधीन हैं। सरकार के खजाने में IPL ऑक्शन से जाएंगे 89.49 करोड़ रुपए आईपीएल टीम मालिकों के काटे गए टीडीएस को खिलाड़ियों की ओर से भारत सरकार के पास जमा किया जाता है। इस बार के ऑक्शन में 10 फ्रेंचाइजी ने 639.15 करोड़ खर्च किए हैं। इसमें भारतीय खिलाड़ियों पर 383.40 करोड़ रुपए और विदेशी खिलाड़ियों पर 255.75 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। 10% TDS के हिसाब से भारतीय खिलाड़ियों का कुल TDS 38.34 करोड़ रुपए बनता है। वहीं विदेशी खिलाड़ियों का 20% TDS के हिसाब से 51.15 करोड़ रुपए होता है। यानी, इस ऑक्शन में खिलाड़ियों को दी गई राशि में से कुल 89.49 करोड़ रुपए सरकार के खजाने में जमा होंगे।
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