देश में निष्क्रिय बैंक अकाउंट में ₹1 लाख करोड़:ऐसे अकाउंट धोखाधड़ी को भी बढ़ावा दे रहें, RBI लगाम लगाने की तैयारी में

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI ने बैंकों में बढ़ रहे फ्रीज और इनऑपरेटिव अकाउंट पर चिंता जताई है। बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे अकाउंट में कमी लाने के लिए तत्काल हर संभव जरूरी कदम उठाएं। बैंकों से कहा गया है कि ऐसे अकाउंट्स की केवाईसी के लिए मोबाइल या इंटरनेट बैंकिंग, नॉन-होम ब्रांच, वीडियो कस्टमर आइडेंटिफिकेशन जैसी आसान प्रोसेस अपनाएं। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि ऐसे अकाउंट में केंद्र या राज्य सरकारों की विभिन्न स्कीमों के जरिए आ रहा अमाउंट बिना किसी दिक्कत के जमा होते रहे। ऐसे अकाउंट जिनमें दो साल से अधिक समय तक लेन-देन नहीं होता, उन्हें निष्क्रिय खातों की श्रेणी में डाल दिया जाता है। अनक्लेम्ड डिपॉजिट सालाना आधार पर 28% बढ़ा RBI ने बैंकों को सलाह दी है कि वे तिमाही आधार पर इनऑपरेटिव अकाउंट पर रिपोर्ट जारी करें। इससे पहले RBI ने बैंकों को ऐसे खातों से धोखाधड़ी रोकने के लिए निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए थे। सरकारी डेटा के मुताबिक, 2023 के आखिर तक ऐसे खातों में 1 लाख करोड़ से ज्यादा की राशि फंसी थी। इनमें से करीब 42 हजार करोड़ अनक्लेम्ड हैं। दिसंबर 2023 में वित्त मंत्रालय ने संसद को दी गई सूचना में बताया था कि मार्च 2023 में बैंकों में अनक्लेम्ड डिपॉजिट सालाना आधार पर 28% बढ़कर 42,270 करोड़ तक पहुंच गया था, जो मार्च 2022 में 32,934 करोड़ रुपए था। इनमें से प्राइवेट बैंकों में 6,087 करोड़ रुपए हैं। इनऑपरेटिव अकाउंट: वो सब कुछ, जो आपके लिए जानना जरूरी है RBI ने निष्क्रिय खातों की निगरानी के निर्देश क्यों दिए हैं? RBI ने ऐसे खातों से धोखाधड़ी का जोखिम कम करने के लिए बैंकों को फिर से एक्टिव किए गए खातों की छह महीने तक निगरानी के निर्देश दिए थे। साथ ही, एक साल से निष्क्रिय खातों की निगरानी के निर्देश दिए थे। इनऑपरेटिव अकाउंट कैसे धोखाधड़ी का रिस्क बढ़ा रहे हैं? बर्गियन लॉ के सीनियर पार्टनर केतन मुखीजा के मुताबिक, इन खातों को अक्सर घोटालों और पहचान चोरी के लिए टारगेट किया जाता है। बैंक कर्मचारी अनधिकृत लेनदेन के लिए इन खातों का दुरुपयोग कर सकते हैं। निष्क्रिय खाते अवैध गतिविधियों को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं? ईवाई फोरेंसिक एंड इंटीग्रिटी सर्विसेज के पार्टनर विक्रम बब्बर के मुताबिक, इन खातों में अवैध रकम भेजी जा सकती है। लेनदेन को मिटाने के लिए फौरन निकासी हो सकती है। ये अवैध संचालन के आदर्श माध्यम बन जाते हैं। 9 महीने में 11 हजार करोड़ की धोखाधड़ी गृह मंत्रालय के मुताबिक, 2024 के पहले नौ महीनों के दौरान साइबर धोखाधड़ी के कारण भारत को 11,333 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। करीब 20% जनधन खाते दिसंबर 2023 तक निष्क्रिय थे। इसका मतलब है कि कुल 51 करोड़ जनधन खातों में से लगभग 10.3 करोड़ खाते निष्क्रिय थे। ध्यान दें: निष्क्रिय खातों में ब्याज बंद हो सकता है, RBI वेलफेयर में लगा सकता है पैसा ऐसे एक्टिव करें अकाउंट: यह प्रोसेस फ्री है, ₹100 के लेनदेन से अकाउंट चालू हो सकता है गूगल पर ट्रेंड कर रहा बैंक
RBI ने बैंकों में बढ़ रहे फ्रीज और इनऑपरेटिव अकाउंट पर चिंता जताई है। इस खबर के बाद से बैंक को गूगल पर लगातार सर्च किया जा रहा है। पिछले 30 दिनों के गूगल ट्रेंड्स को भी देखें तो साफ है कि बैंक को सर्च करने का ग्राफ बढ़ा है। सोर्स- GOOGLE TRENDS

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