डायमंड और ज्वैलरी को सर्टिफिकेट देने वाली कंपनी इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट का इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO 13 दिसंबर को ओपन होगा। निवेशक इस इश्यू के लिए 17 दिसंबर तक बिडिंग कर सकेंगे। 20 दिसंबर को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे। इस इश्यू के जरिए कंपनी ₹4,225 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी के मौजूदा निवेशक ₹2,750 करोड़ के 65,947,242 शेयर बेच रहे हैं। इसके साथ ही कंपनी ₹1,475 करोड़ के 35,371,702 फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है। अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं। मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं? इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ने IPO का प्राइस बैंड ₹397-₹417 तय किया है। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 35 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹417 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,595 इन्वेस्ट करने होंगे। वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 455 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹189,735 इन्वेस्ट करने होंगे। इश्यू का 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व कंपनी ने इश्यू का 75% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है। फरवरी 2019 में बनी इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट
फरवरी 2019 में बनी इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट डायमंड्स, जेमस्टोन और ज्वैलरी को सर्टिफाई करती है और उनकी ग्रेडिंग करती है। इसकी रिपोर्ट में स्टोन के रंग, कट, क्लैरिटी और कैरेट वेट इत्यादि की जानकारी रहती है। इसके अलावा यह जेम और ज्वैलरी से जुड़ी कोर्सेज भी मुहैया कराती है। कंपनी के पास एक रिसर्च डिपार्टमेंट है। दुनिया भर में कंपनी के 31 लैब हैं। इसके अलावा 18 जेमोलॉजी स्कूल्स हैं जिसमें हर साल हजारों स्टूडेंट्स ग्रेजुएट होते हैं। यह डायमंड्स और ज्वैलरी को सर्टिफिकेट देने के मामले में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्वतंत्र एंटिटी है। यह इंडस्ट्री काफी हाई बैरियर वाली है यानी कि इसमें किसी और कंपनी की एंट्री काफी मुश्किल है। IPO क्या होता है? जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।