एपल ने मार्च के आखिरी हफ्ते में सिर्फ तीन दिनों में भारत से आईफोन और अन्य उत्पादों से भरे पांच विमानों को अमेरिका पहुंचाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन द्वारा लागू किए गए रेसिप्रोकल टैरिफ से बचने के लिए ये शिपमेंट किए गए हैं। कुछ मीडिया रिपोरट्स ने एक सीनियर भारतीय अधिकारी के हवाले से इसे लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से ये भी कहा कि टैरिफ के बावजूद एपल की भारत या अन्य बाजारों में रिटेल कीमतें बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार इस स्टोरेज से एपल को अस्थायी रूप से वर्तमान मूल्य बनाए रखने में मदद मिलेगी। कंपनी यह भी विश्लेषण कर रही है कि मैन्युफैक्चरिंग लोकेशन्स पर अलग-अलग टैरिफ स्ट्रक्चर्स उसकी सप्लाई चेन को किस प्रकार प्रभावित करेंगी। एपल के डिमांड और प्रॉफिट मार्जिन पर असर पड़ सकता है अमेरिका एपल के प्रोडक्ट्स के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बना हुआ है। ऐसे में कंपनी बढ़ी हुई लागत का बोझ कंज्यूमर्स पर डालने से बचने के लिए काम कर रही है। इससे एपल के प्रोडक्ट्स की डिमांड और प्रॉफिट मार्जिन दोनों पर असर पड़ सकता है। अभी 10% टैरिफ लागू, ज्यादा टैरिफ 9 अप्रैल लागू होंगे अभी तक केवल बेसलाइन 10% टैरिफ ही लागू हुआ है। इससे ज्यादा टैरिफ 9 अप्रैल लागू हो रहे हैं। भारत इस बदलाव में बड़ी भूमिका निभा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका भारत पर 26% की दर से टैरिफ लगाएगा जबकि चीन पर 104% की दर से टैरिफ लगेगा। यानी, एपल को चीन की तुलना में भारत से अपने प्रोडक्ट अमेरिका एक्सपोर्ट करने में कम टैरिफ चुकाना होगा। एपल भारत में मौजूद अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में कई आईफोन मॉडल बनाती है। कंपनी टैरिफ इम्पैक्ट को कम करने के लिए भारत से आईफोन की खरीद बढ़ा सकती है। एपल लंबे समय से सप्लाई चेन में डायवर्सिफिकेशन लाने और चीन पर निर्भरता कम करने की योजना पर काम कर रहा है। ऐसे में विश्लेषकों का कहना है कि चीन और भारत के बीच बढ़ते टैरिफ अंतर से एपल की इस योजना को गति मिल सकती है। भारत सरकार की PLI स्कीम का हिस्सा एपल एपल के तीनों कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर भारत सरकार की 41,000 करोड़ रुपए की प्रोडक्शन-लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम (PLI) का हिस्सा हैं। इस स्कीम के बाद ही भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग में तेजी आई है। 2020 में भारत सरकार ने PLI Scheme को लॉन्च किया था। इस स्कीम से बाहर के देशों की कंपनीज को मौका मिलता है कि वो लोकल मैन्युफैक्चरिंग का फायदा उठा सकें, साथ ही उस पर इन्सेंटिव भी कमा सकें।
भारत से आईफोन से भरे 5 विमान अमेरिका भेजे गए:टैरिफ से बचने के लिए एपल ने बुलाया शिपमेंट, भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाएगी कंपनी
